Saturday, November 21, 2020

खुशामद खुदाकि

                                                 २०७७/०८/०४

खुदपे गुरूर आपका हमे अच्छा लगता है

फिर भी हम खुशामद नहीं करते खुदाकि


जलील करदे मुस्कुराहट आपकि क्या बात है

फिर भी हम जलालत नहीं करते खुदाकि


हर कदमपे धोखे आपके हमे अच्छा लगता है

फिर भी हम हिकारत नहीं करते खुदाकि


हर बातपे झगडना आपका क्या बात है

फिर भी हम नफरत नहीं करते खुदाकि


खादिम हजार समझो हमे कोई बात नहीं

फिर भी हम खिदमत नहीं करते खुदाकि


नेस्तनाबूद हुवा "सुमन" नफरतोंकि आँधीसे 

फिर भी हम इबादत नहीं करते खुदाकि